आँखे
आँखे
ये कुछ कहना नही चाहती फिरभी बहुत कुछ बोल जाती हैं...
रोना नहीं चाहती फिरभी ये नम हो जाती है...
ये कैसी हैं मर्ज़ी तेरी मेरे ओ शंभु.. ...
ये कुछ कहना नही चाहती फिरभी बहुत कुछ बोल जाती हैं...
रोना नहीं चाहती फिरभी ये नम हो जाती है...
ये कैसी हैं मर्ज़ी तेरी मेरे ओ शंभु.. ...