हौले से सीने में।
बैठ कर कोने में किसी दीवार पे,
घाव कोई कर रहा है हौले से सीने में।
जिन रास्तों पे कभी कोई नहीं गया,
कोई उन से गुजर रहा है हौले से सीने में।
जो वायदे किए थे जिंदगी भर के लिए,
कोई उनसे मुकर रहा...
घाव कोई कर रहा है हौले से सीने में।
जिन रास्तों पे कभी कोई नहीं गया,
कोई उन से गुजर रहा है हौले से सीने में।
जो वायदे किए थे जिंदगी भर के लिए,
कोई उनसे मुकर रहा...