हमारी आखरी उम्मीद हम खुद हैं,
🕉 *जय श्री कृष्ण*
*कैसे हो? ठीक हूँ।तुम कैसे हो?मैं ठीक हूँ, ये चार लाइनों का CT SCAN किया जाय तो हजारो ग़म, लाखों ख्वाहिशें और बेहिसाब अंत किये गए सपने मिलेंगे, इन सभी पर ""ठीक हूँ"" की ओढाई हुई चादर मिलेगी, ढूंढो तो सुकुन खुद में है,दूसरे में तो उलझने मिलेंगी, असली भीड़ हमारे अंदर है और असली शांति भी, निर्भर हम पर है की हम क्या चुनते हैँ, अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए हमें अपनी यथाभूत स्थिति को देखना होगा, हमें हमेशा से इस बात में रुचि...
*कैसे हो? ठीक हूँ।तुम कैसे हो?मैं ठीक हूँ, ये चार लाइनों का CT SCAN किया जाय तो हजारो ग़म, लाखों ख्वाहिशें और बेहिसाब अंत किये गए सपने मिलेंगे, इन सभी पर ""ठीक हूँ"" की ओढाई हुई चादर मिलेगी, ढूंढो तो सुकुन खुद में है,दूसरे में तो उलझने मिलेंगी, असली भीड़ हमारे अंदर है और असली शांति भी, निर्भर हम पर है की हम क्या चुनते हैँ, अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए हमें अपनी यथाभूत स्थिति को देखना होगा, हमें हमेशा से इस बात में रुचि...