राख और खाक
जल जल के राख़ तो पहले से हूं मैं,
एक तुम्हारा सितम बाकी है, आओ ख़ाक कर दो मुझे,
एक तुम्हारे नाम का अश्क़ बचा के रखा हैं इन पथराई आंखों में,...
एक तुम्हारा सितम बाकी है, आओ ख़ाक कर दो मुझे,
एक तुम्हारे नाम का अश्क़ बचा के रखा हैं इन पथराई आंखों में,...