'मेरा प्रिय' लेखक
'मेरे प्रिय'लेखक हैं प्रेमचंद
जिसने साहित्य को दी नई धार ,
हिंदी को विकास की पटरी पर दौड़ाकर
जन -जन तक किया प्रसार |
करके उर्दू भाषा से लेखन का प्रारंभ
फिर हिंदी में किया संग्रह विस्तार ,
रूढ़िवाद, संवेदना, यथार्थ आधार से
करवाया पाठक वर्गों को दीदार |
कभी उपन्यास में 'निर्मला','वरदान'
कभी कहानी में...
जिसने साहित्य को दी नई धार ,
हिंदी को विकास की पटरी पर दौड़ाकर
जन -जन तक किया प्रसार |
करके उर्दू भाषा से लेखन का प्रारंभ
फिर हिंदी में किया संग्रह विस्तार ,
रूढ़िवाद, संवेदना, यथार्थ आधार से
करवाया पाठक वर्गों को दीदार |
कभी उपन्यास में 'निर्मला','वरदान'
कभी कहानी में...