अकेला
मैं अकेला हूं
अकेला ही रहूंगा
न कोई अपना,
न कोई पराया
बस हर तरफ़ मौजूद है
खौफ़नाक दर्द का सैलाब...
रह रहकर उठता हैं
सिर्फ इक ही...
अकेला ही रहूंगा
न कोई अपना,
न कोई पराया
बस हर तरफ़ मौजूद है
खौफ़नाक दर्द का सैलाब...
रह रहकर उठता हैं
सिर्फ इक ही...