सफ़र
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
रूक कर किसी को भला क्या मिला है
रास्ते खुल कर करते हैं स्वागत
उस राहगीर का जो चला है
मिल ही जाता है कुछ ना कुछ सफ़र में
जो छूट गया उसका क्या गिला है
© Reema_arora
#MyMusings
#copyright
#completingpoems
#journeyoflife
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
रूक कर किसी को भला क्या मिला है
रास्ते खुल कर करते हैं स्वागत
उस राहगीर का जो चला है
मिल ही जाता है कुछ ना कुछ सफ़र में
जो छूट गया उसका क्या गिला है
© Reema_arora
#MyMusings
#copyright
#completingpoems
#journeyoflife