...

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क्या याद करोगे तुम मुझे?
यूं हीं कभी सोचती हूं मैं
कभी गर दूर तुमसे हो जाऊं
बिन बताए कहीं खो जाऊं
क्या ढूंडने आओगे मुझे?
मैं रूठ जाऊं जो तुमसे
जुदा हो जाऊं गर ख़ुद ही से
क्या मनाने आओगे तुम मुझे?
यादें ढेर सारी दे जाऊं
फ़ोन भी ना उठाऊं
क्या याद करोगे तुम मुझे?
काफ़ी दिन हो चले गर लापता हुए
कहीं से मेरी कोई खबर ना मिले
क्या फ़िक्र मेरी तुम करोगे?
यूं हीं कभी सोचती हूं मैं
ख़ुद से ही सवाल पूछती हूं मैं
क्या असल में याद करोगे तुम मुझे?

#writco #thoughts #shayari #lapata
© rõõh