बहुत दिनों बाद
बहुत दिनों बाद कुछ लिखने का प्रयास है,
कलम साथ नही दे रही मेरा या हिला आत्मविश्वास है।
कोई हो तो बता दे मुझे मेहरबां बन के,
शब्दो ने क्यों अदावत करली, वर्ना वजह आज भी बेहिसाब है।
क्यों मेरे तबीयत में अब एक बेरूखी सी है
विचारों में कितना कुछ है,मगर पास पड़ा काग़ज़ अब भी साफ़ है।
#shubh
© shubhra pandey
कलम साथ नही दे रही मेरा या हिला आत्मविश्वास है।
कोई हो तो बता दे मुझे मेहरबां बन के,
शब्दो ने क्यों अदावत करली, वर्ना वजह आज भी बेहिसाब है।
क्यों मेरे तबीयत में अब एक बेरूखी सी है
विचारों में कितना कुछ है,मगर पास पड़ा काग़ज़ अब भी साफ़ है।
#shubh
© shubhra pandey