...

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मेरी आमद तेरे शहर में
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
लोग जान गए हैं हम तेरे दीवाने हैं

जुड़ते जा रहे हैं रूह _ए _दर बदर
किसे पता हम आशिक़ पुराने हैं
कोई दर ओ दीवार से पुछ के देखना जरा
और कितने बाकी तेरे चाहने वाले हैं,

किसी महफ़िल से सराबोर
किसी गलियों से गुजरते हुए सनम
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
जहन में बसे खुशियों के ख़ज़ाने हैं
© Mishty_miss_tea