...

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प्रण
अति-सूक्ष्म, अदृश्य तू शत्रु
चपल, वंचक और घातक है
व्यक्ति, धर्म और देश से परे
मानवता का तू दुश्मन है
नाद, गर्जन, प्रण धारी
वीर योद्धाओं नें तुझे ललकारा है
अन्त तेरी निश्चय "कोरोना"
भारत सपूतों नें अब ठाना है।