तेरी याद
मेरी ज़िंदगी में तेरी यादों के साये रहते है
बिन तेरे ना नींद आती है ना ख्वाब सुहाने होते है
मेरी आरज़ू तो यही है कि, तू मेरे सामने रखे
ये तन्हाई के दिन भी अजीब होते है
मुझे तेरी याद बहुत आती है
जब मुश्किल में होते है
तुम भी जानती हो , तुम बिन मंजिल का क्या फायदा
जब तुम्हारी इक मुस्कान से हम मुकम्मल होते है
मुसाफ़िर की तरह है ज़िंदगी अपनी
सब तन्हा तन्हा गुज़रते है
इक मोहब्बत ही...
बिन तेरे ना नींद आती है ना ख्वाब सुहाने होते है
मेरी आरज़ू तो यही है कि, तू मेरे सामने रखे
ये तन्हाई के दिन भी अजीब होते है
मुझे तेरी याद बहुत आती है
जब मुश्किल में होते है
तुम भी जानती हो , तुम बिन मंजिल का क्या फायदा
जब तुम्हारी इक मुस्कान से हम मुकम्मल होते है
मुसाफ़िर की तरह है ज़िंदगी अपनी
सब तन्हा तन्हा गुज़रते है
इक मोहब्बत ही...