...

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मेरा कच्चा घर
घर वो कुछ पुराना था
आज कल का नही सालो पुराना
मगर जाने क्यों घर वो टूटा फूटा ही
आज याद आता हैं
बचपन गुजरा था मेरा उसमे
वो घर जरूर कच्चा था मगर
रिश्ते वो सचे थे
आज उस कच्चे मकान की
जगह तो महल बन गया
पर रिश्ते उतने पके ना रहे
सोचती हूँ वो घर ही कच्चा
अच्छा था