कहाँ हो तुम
कहाँ हो तुम
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'घर खीर तो बाहर भी खीर' बता दो कहाँ हो तुम?
कहीं आस तो कहीं पास हृदय के, बता दो कहाँ हो तुम?
जपमाला में ख़्वाबों की डोर तो नैनों में बादल क्यूँ?
उमड़ती-घुमड़ती हृदय की धड़कनों में कहाँ हो तुम?
ढूँढ़ते हैं नैना, हथेली पर गिरे नैनों की...
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'घर खीर तो बाहर भी खीर' बता दो कहाँ हो तुम?
कहीं आस तो कहीं पास हृदय के, बता दो कहाँ हो तुम?
जपमाला में ख़्वाबों की डोर तो नैनों में बादल क्यूँ?
उमड़ती-घुमड़ती हृदय की धड़कनों में कहाँ हो तुम?
ढूँढ़ते हैं नैना, हथेली पर गिरे नैनों की...