तुम मेरी हो🫂
तुम जो सजती हो
संवरती हो
सुबह की धूप जैसे
मुझपर बिखरती हो
फूलों की खुशबू जैसे
मुझको महकाती हो
किसी को फ़िक्र है मेरी
ये एहसास दिलाती हो
ख़ुदा कितना करीम है
तुम मुझे बताती हो
संवरती हो
सुबह की धूप जैसे
मुझपर बिखरती हो
फूलों की खुशबू जैसे
मुझको महकाती हो
किसी को फ़िक्र है मेरी
ये एहसास दिलाती हो
ख़ुदा कितना करीम है
तुम मुझे बताती हो