ऐसे ही कहां बनते हैं रिश्ते.. 💞💞
#स्वीकार
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहां जुड़ते है रिश्ते,
ज़रूर,
उसने ध्यान न देने का दिखावा तो किया होगा?
अरे, मुस्कराते हुये जुल्फों को सवांरा तो होगा?
फिर शरमा कर पलकों को झुकाया तो होगा
ऐसे ही कहां जुड़ते है रिश्ते,
जरूर,
सच को झुठलाने का बहाना तो किया होगा?
अरे, लाज से नजरों को झुकाया तो होगा?
चलते चलते कदमों को रोका होगा,
और फिर मुड़कर देखा तो होगा?
ऐसे ही कहां बनते हैं रिश्ते..
जरूर, तेरा अंदाज उसे फिर पसंद आया होगा
और,
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
© Jyoti Kanaujiya
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहां जुड़ते है रिश्ते,
ज़रूर,
उसने ध्यान न देने का दिखावा तो किया होगा?
अरे, मुस्कराते हुये जुल्फों को सवांरा तो होगा?
फिर शरमा कर पलकों को झुकाया तो होगा
ऐसे ही कहां जुड़ते है रिश्ते,
जरूर,
सच को झुठलाने का बहाना तो किया होगा?
अरे, लाज से नजरों को झुकाया तो होगा?
चलते चलते कदमों को रोका होगा,
और फिर मुड़कर देखा तो होगा?
ऐसे ही कहां बनते हैं रिश्ते..
जरूर, तेरा अंदाज उसे फिर पसंद आया होगा
और,
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
© Jyoti Kanaujiya