इंतज़ार
आपकी गलियों में आए हम आठों पहर,
लेकिन उन गलियों में आप आए नहीं नजर।
नजर से नजर मिलती गई इस कदर,
सपनों में भी आप दिखने लगे...
लेकिन उन गलियों में आप आए नहीं नजर।
नजर से नजर मिलती गई इस कदर,
सपनों में भी आप दिखने लगे...