तन्हा सफर
तन्हा सफर
<<<<<<<<<
बैठ कर तन्हाई में कर रही थी हिसाब तेरे वादों का,
याद आते रहे खुशनुमा लम्हा और रंगीन रातें,
पर ख्वाब आँखों में सिमटते चले गए,
साथ रह कर भी जब हम रहे तन्हा बादलों में अकेले देख,
चाँदनी को हम भी सोचते चले गए,
जिंदगी जब यूँ ही गुजरनी थी तन्हा,
हम सफर बन तुम मिले क्यों?? ¿??
कभी खुशी में, कभी गम में ये
आँखे भी नम हो थक गए तन्हा,
आसान कब रहा तेरे बगैर कुछ भी कर पाना,
जिंदगी की झंझावतो में मुश्किलो की लहर में,
उम्मीद का दीप जलता रहा तन्हा,
ख्वाबो के चंद लम्हों से बहलती नहीं जिंदगी,
दूसरों को बदलने की छोड़ चाह खुद को बदल
चल दिये तन्हा सफर पर,
उम्मीद जब टूटी तो खुद ही खुद को समझा लिया,
दिल को भी अपना बहला लिया,
लगता ये सफर है तन्हा और साथी हम खुद ही खुद के है,
रिश्ते, नाते,प्यार, मोहब्बत, सब पल दो पल के साथी है
ये जिंदगी के झमेले है सफर है तन्हा और
भीड़ में भी हम अकेले है!!!
@chandat©
© All Rights Reserved
<<<<<<<<<
बैठ कर तन्हाई में कर रही थी हिसाब तेरे वादों का,
याद आते रहे खुशनुमा लम्हा और रंगीन रातें,
पर ख्वाब आँखों में सिमटते चले गए,
साथ रह कर भी जब हम रहे तन्हा बादलों में अकेले देख,
चाँदनी को हम भी सोचते चले गए,
जिंदगी जब यूँ ही गुजरनी थी तन्हा,
हम सफर बन तुम मिले क्यों?? ¿??
कभी खुशी में, कभी गम में ये
आँखे भी नम हो थक गए तन्हा,
आसान कब रहा तेरे बगैर कुछ भी कर पाना,
जिंदगी की झंझावतो में मुश्किलो की लहर में,
उम्मीद का दीप जलता रहा तन्हा,
ख्वाबो के चंद लम्हों से बहलती नहीं जिंदगी,
दूसरों को बदलने की छोड़ चाह खुद को बदल
चल दिये तन्हा सफर पर,
उम्मीद जब टूटी तो खुद ही खुद को समझा लिया,
दिल को भी अपना बहला लिया,
लगता ये सफर है तन्हा और साथी हम खुद ही खुद के है,
रिश्ते, नाते,प्यार, मोहब्बत, सब पल दो पल के साथी है
ये जिंदगी के झमेले है सफर है तन्हा और
भीड़ में भी हम अकेले है!!!
@chandat©
© All Rights Reserved