#Mazdur_mazboor_hai
जब बच्चा उसका भूखा सोता होगा
दर्द उन्हें भी होता होगा
मीलों गाँव की ओर चल के
जब वो बूढ़ा शरीर थकान से रोता होगा
दर्द उन्हें भी होता होगा
बडे-बडे मकानों को हाथो से सींचने वाला
जब खुद बेघर होता होगा
दर्द उन्हें भी होता होगा
रेल की पटरियों पर टुकडों...
दर्द उन्हें भी होता होगा
मीलों गाँव की ओर चल के
जब वो बूढ़ा शरीर थकान से रोता होगा
दर्द उन्हें भी होता होगा
बडे-बडे मकानों को हाथो से सींचने वाला
जब खुद बेघर होता होगा
दर्द उन्हें भी होता होगा
रेल की पटरियों पर टुकडों...