...

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चल रहे हैं हम

इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
टूटी तकदीर को जोड़कर
ग़म पुराने छोड़ कर
चल रहे है देखो हम
नीले गगन को ओढ़कर
डर की चट्टानें फोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
नदियों संग गाते हुए
और मुस्कुराते हुए
दुनिया से आंख मिलाते हुए
चल रहे हैं देखो हम