सफर_ हमसफर
मैने उससे प्यार किया_
जो आया तो खुद था प्यार का प्रस्ताव लेकर,
पर शायद प्यार का मतलब भी नही समझता था
मैने उसे चाहा_
जो आया ही था
मुझमें चाह जगाकर चले जाने को
जिसे चाहत की गहराइयां समझ नही आई
मैने उसके ख्वाब संजोए_
जो वास्तव में एक ख्वाब ही था,
हकीकत वो समझता नही था,
रेत की तरह मुट्ठी में ठहरता नही था
मैने उससे उम्मीद रखी_
जिसने स्वार्थ के लिए मुझे अपना कहा,
जिसे अपने फायदे में दूसरों का नुकसान नजर नहीं आया,
मैने उसे अपना हमदर्द, हमसफर समझा_
जिसे एक कदम भी साथ चलना नही आया,
मैने उसे जिंदगी समझा_
जिसे जिंदगी का मतलब ही नहीं पता,
मैने अपनी कब्र खुद खोदी है_
वो तो बस मौत से पहले कफन थमाने आया था।
कैसे कहूं वो प्यार था,
जब तेरे इकरार और मेरे इंकार से
सांसे लेना भी दुश्वार था,
टूटा खुद से पत्थर बने रहने का एतबार था,
जब हुआ तेरा दीदार था,
मेघ गर्जन बिजली और...
जो आया तो खुद था प्यार का प्रस्ताव लेकर,
पर शायद प्यार का मतलब भी नही समझता था
मैने उसे चाहा_
जो आया ही था
मुझमें चाह जगाकर चले जाने को
जिसे चाहत की गहराइयां समझ नही आई
मैने उसके ख्वाब संजोए_
जो वास्तव में एक ख्वाब ही था,
हकीकत वो समझता नही था,
रेत की तरह मुट्ठी में ठहरता नही था
मैने उससे उम्मीद रखी_
जिसने स्वार्थ के लिए मुझे अपना कहा,
जिसे अपने फायदे में दूसरों का नुकसान नजर नहीं आया,
मैने उसे अपना हमदर्द, हमसफर समझा_
जिसे एक कदम भी साथ चलना नही आया,
मैने उसे जिंदगी समझा_
जिसे जिंदगी का मतलब ही नहीं पता,
मैने अपनी कब्र खुद खोदी है_
वो तो बस मौत से पहले कफन थमाने आया था।
कैसे कहूं वो प्यार था,
जब तेरे इकरार और मेरे इंकार से
सांसे लेना भी दुश्वार था,
टूटा खुद से पत्थर बने रहने का एतबार था,
जब हुआ तेरा दीदार था,
मेघ गर्जन बिजली और...