...

3 views

नक़ाब... चेहरों के पीछे के चेहरे.
नक़ाब... चेहरों के पीछे के चेहरे.

मत पूछो मेरे दिल की किताब के वो राज़
डरता हूं की कहीं बेनकाब ना हो जाए वो सब आज
दफना के आया था जिन्हें यादों की मिट्टी में कहीं
उभर ना जाए वो सारे मिले हुए ज़ख्म आज

नही लगते मुझे बेवफ़ा, यही तो है वो कुछ बाकी हिसाब
अंजाने ही सही, मैने पाए हैं जाने कितने खिताब...
संभाला है हर रिश्ते को एक नाज़ुक सी डोर से
मगर दुश्मन बने हैं वो जो कभी दिल के थे पास

जैसा दिखता है जो, वैसा ही वो होता है क्या?
गर जान लो इसका जवाब तो समझोगे क्या?
हर सिक्के के दो पहलू होते है Aezz, क्या भूल गए?
अब ये बताओ की ज़रा उस बेहरूपिए को पहचानोगे क्या?

गहराइयों में कैद है वो सारी बीती बात
चुभती हैं जो कील सी वो सारी याद
अब सीख लिए है मैने भी जीना का सही अंदाज़
सजाई है चेहरे पर हसी, जिसको कहते है नक़ाब...


-Aezz Khan...
© Aezz खान...