...

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पुरानी डायरी
यादों की पुरानी डायरी खोल बैठी,
बीते लम्हों की मिठास छाई बैठी।

क़लम के नुकीले नस्तों से छू लिया,
दिल के राज़ जो मैंने छुपाए बैठी।

हर पन्ना एक कहानी सुनाता है,
उस वक़्त की यादों में खो जाए बैठी।

जीवन की राहों पर चलते चलते,
खोई हुई खुशियाँ फिर से पाए बैठी।

टूटे हुए सपनों को फिर से सजाया,
यादों की एक और कहानी लिखाए बैठी।
© Simrans