...

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बसर है मुझे है तुम पे।
बसर है मुझे तुम पे,
कस्र जैसे मेरे दिल पे खंजर गाड़ डाला।
मेरे दिल मे इश्क के शजर लगा कर,
फिराक का गर्द भर डाला।
फिर भी,
शिकवा तुम्झें हीं है भुझसे,
जबकी।
तुमने मुझे अंघार के माहुर दे कर मार डाला।