कुछ यूं हीं
लोगों के साथ होकर भी,
क्यों तन्हा महसूस करता है इंसान,
जज़्बातों के गहरे समंदर को,
क्यों नहीं समझ...
क्यों तन्हा महसूस करता है इंसान,
जज़्बातों के गहरे समंदर को,
क्यों नहीं समझ...