अकेलापन
एक बार सबको दुखी करना चाहती हूं,
बस कुछ पल के लिए मैं मरना चाहती हूं ।।
अपनों से अब और नहीं लड़ना चाहती हूं,
बस कुछ पल के लिये मैं मरना चाहती हूं ।।
अब किसी से नहीं मैं डरना चाहती हूं,
बस कुछ पल के लिये मैं मरना चाहती हूं ।।
रो रो कर अब और दर्द नहीं मैं सहना चाहती हूं,
बस कुछ पल के लिये मैं मरना चाहती हूं ।।
जो नामुमकिन है वही कार्य मैं करना चाहती हूं,
बस कुछ पल के लिये मैं मरना चाहती हूं ।।
रब से अब एक ही अरदास मैं करना चाहती हूं,
बस कुछ पल के लिये मैं मरना चाहती हूं ।।
© Komal Mishra ✍️
बस कुछ पल के लिए मैं मरना चाहती हूं ।।
अपनों से अब और नहीं लड़ना चाहती हूं,
बस कुछ पल के लिये मैं मरना चाहती हूं ।।
अब किसी से नहीं मैं डरना चाहती हूं,
बस कुछ पल के लिये मैं मरना चाहती हूं ।।
रो रो कर अब और दर्द नहीं मैं सहना चाहती हूं,
बस कुछ पल के लिये मैं मरना चाहती हूं ।।
जो नामुमकिन है वही कार्य मैं करना चाहती हूं,
बस कुछ पल के लिये मैं मरना चाहती हूं ।।
रब से अब एक ही अरदास मैं करना चाहती हूं,
बस कुछ पल के लिये मैं मरना चाहती हूं ।।
© Komal Mishra ✍️