...

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दिल की दिक्कत............
दिल तेरी दिक्कत क्या है
तुझे सिद्धत क्या है
तू क्यों इतना उदास रहता है
तू क्यों इतना अकेला रहता है
उसे तू क्यों याद करता है
उसने छोड़ा तुझे
इसमें तेरी गलती क्या है
तुझे चाहने वाले तो हजारों है
तो फिर तुझे उसकी जरूरत क्या

मत कर तू उसकी इतनी चिंता
वह इसकी लायक कहां है
तू सोचता है इसके बारे में दिन–रात
वह तो जानती भी नहीं उसकी जगह क्या है
तो फिर तुझे उसकी जरूरत क्या है

भूल जा उसे तेरी इस में भलाई है
खुश रहे यह मेरी दुआ है
होना तो कोई और तुझे मिल जाएगा उससे बेहतर
खुद को साफ रख
खुद पर विश्वास रखो
धोखेबाज उसे थोड़ा सावधानी बड़ख
रख हौसला अपने ऊपर ए दिल
तू भी बदलेगा एक दिन
तू भी मिलेगा एक दिन...................
© Ankush ( Sidd AA )