रोज रात
कई रात जागे है तेरे बिन
तुझे क्या पता कितना तड़पे है हम।
सोने नही देती आज भी ये रातें
तेरे message का इंतजार जो करते है हम
शाम ढलते - ढलते मोबाइल हाथ मे आ जाता है
तेरे message आने का इंतजार जो शुरू हो जाता...
तुझे क्या पता कितना तड़पे है हम।
सोने नही देती आज भी ये रातें
तेरे message का इंतजार जो करते है हम
शाम ढलते - ढलते मोबाइल हाथ मे आ जाता है
तेरे message आने का इंतजार जो शुरू हो जाता...