आँखों में आँखे पलभर...
आए दिन ज़ब इक रास्ते से जा था,
यादों को तुम्हारी,
ना चाहते हुए भी भुला रहा था,
तुमसे फिर मिलने की जो आस छोड़ चुका था,
क्यों फिर तुम आई मेरे सामने?
क्यों फिर मेरी...
यादों को तुम्हारी,
ना चाहते हुए भी भुला रहा था,
तुमसे फिर मिलने की जो आस छोड़ चुका था,
क्यों फिर तुम आई मेरे सामने?
क्यों फिर मेरी...