वीरता
जिसने मन को साध लिया
हर बाधा उसने पार किया,
दुनिया ने उसे स्वीकारा है
जिसने भी मन को मारा है।
मन चंचल अठखेली करता
कोमल चीज लुभाएगा,
तू धीर पुरुष, तू वीर वान
बहकावे में ना आयेगा।
कर ले अटल निश्चय अपना
सूरज सा तेज चमकना है,
करने हासिल इस मंजिल को
अग्निपथ पर चलना है।
© insinuation_pen✒️
हर बाधा उसने पार किया,
दुनिया ने उसे स्वीकारा है
जिसने भी मन को मारा है।
मन चंचल अठखेली करता
कोमल चीज लुभाएगा,
तू धीर पुरुष, तू वीर वान
बहकावे में ना आयेगा।
कर ले अटल निश्चय अपना
सूरज सा तेज चमकना है,
करने हासिल इस मंजिल को
अग्निपथ पर चलना है।
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