भारत को स्वच्छ बनाना है, नशा मुक्त भारत बनाना है।
भारत को स्वच्छ बनाना है, सोने कि चिड़िया कहलाने वाला मेरा भारत।।
ना जाने मेरा भारत कैसे (डॉ.श्वेता सिंह) नशे की चपेट में फंस गया, इस बढ़ती तबाही को रोकने का प्रयास हर हाल में करना है।
मैं कचरा ना फैलाऊंगी,जो कचरा फैला आएगा उसके खिलाफ आवाज उठाऊंगी।।
पहले अपने मन को स्वच्छ बनाऊंगी, फिर समाज में स्वच्छता लाने के अनेकों प्रयास करूंगी मरते दम तक मैं।
मैं ना हर मानूंगी, इस जंग में पूरा साथ निभाऊंगी।।
अपने भारत को स्वच्छ बनाना है, युवा पीढ़ी को नशे से बचाना है।।
भारत को स्वच्छ बनाना है, भारत को नशा मुक्त बनाना है।।
अपने परिवार के लिए तो हर कोई है जीता, क्यों ना मैं अपनी मातृभूमि के लिए कुछ ऐसा कर जाऊं, जिससे समाज का भला हो जाएं।।
जब तक हूं जीवित, हमेशा हाथ नेक कर्म के लिए उठाऊंगी।।
नशे की चपेट में आकर, खुद के बच्चें को अपनी आंखों से देख, एक मां की आत्मा है रोती।।
बच्चे को अपने से दूर होता और पल पल मरता देख,उस मां की आंखों को नम होता देख, मेरा मन बेचेन है उठता।।
कसम है खाई इस देश को नशा मुक्त बनाना है, अपने देश को स्वच्छ बनाना है।© Dr.Shweta Singh
© Dr.Shweta Singh
ना जाने मेरा भारत कैसे (डॉ.श्वेता सिंह) नशे की चपेट में फंस गया, इस बढ़ती तबाही को रोकने का प्रयास हर हाल में करना है।
मैं कचरा ना फैलाऊंगी,जो कचरा फैला आएगा उसके खिलाफ आवाज उठाऊंगी।।
पहले अपने मन को स्वच्छ बनाऊंगी, फिर समाज में स्वच्छता लाने के अनेकों प्रयास करूंगी मरते दम तक मैं।
मैं ना हर मानूंगी, इस जंग में पूरा साथ निभाऊंगी।।
अपने भारत को स्वच्छ बनाना है, युवा पीढ़ी को नशे से बचाना है।।
भारत को स्वच्छ बनाना है, भारत को नशा मुक्त बनाना है।।
अपने परिवार के लिए तो हर कोई है जीता, क्यों ना मैं अपनी मातृभूमि के लिए कुछ ऐसा कर जाऊं, जिससे समाज का भला हो जाएं।।
जब तक हूं जीवित, हमेशा हाथ नेक कर्म के लिए उठाऊंगी।।
नशे की चपेट में आकर, खुद के बच्चें को अपनी आंखों से देख, एक मां की आत्मा है रोती।।
बच्चे को अपने से दूर होता और पल पल मरता देख,उस मां की आंखों को नम होता देख, मेरा मन बेचेन है उठता।।
कसम है खाई इस देश को नशा मुक्त बनाना है, अपने देश को स्वच्छ बनाना है।© Dr.Shweta Singh
© Dr.Shweta Singh