कहना चाहती हुं
सुनो ना ,
आज कुछ कहना चाहती हुं।
तुम सुन सको तो आज
मेरी पिडा़ सुनाना चाहती हुं।
सुनो ना,
आज कुछ कहना चाहती हुं।
तुम अपना कंधा दो तो ,
कंधे पर सिर रखकर रोना चाहती हुं।
तुम अपनी बाहो में जगह दो तो ,
तुमसे बिलगना चाहती हुं।
सुनो ना,
आज कुछ कहना चाहती हुं।
तुम सिर पर हाथ रख दो तो ,
तुम्हारी गोद में सोना चाहती हुं ।
तुम सुन सको तो आज
मेरी पिडा़ सुनाना चाहती हु।
© sakshi
आज कुछ कहना चाहती हुं।
तुम सुन सको तो आज
मेरी पिडा़ सुनाना चाहती हुं।
सुनो ना,
आज कुछ कहना चाहती हुं।
तुम अपना कंधा दो तो ,
कंधे पर सिर रखकर रोना चाहती हुं।
तुम अपनी बाहो में जगह दो तो ,
तुमसे बिलगना चाहती हुं।
सुनो ना,
आज कुछ कहना चाहती हुं।
तुम सिर पर हाथ रख दो तो ,
तुम्हारी गोद में सोना चाहती हुं ।
तुम सुन सको तो आज
मेरी पिडा़ सुनाना चाहती हु।
© sakshi