यही सच है
मुझे समझ नहीं आता ये आजकल,
इंसान के भीतर से इंसानियत कहाँ खो गई है
नफ़रत क्यों पलने लगी है दिलों में,
क्या प्रेम का पाठ पढ़ाने वाला कोई नहीं है?
कोई था समय ऐसा भी,
जब सभी मिल जुलकर साथ रहते थे
खुशी हो या गम,
हर पहलू के भागीदार सभी...
इंसान के भीतर से इंसानियत कहाँ खो गई है
नफ़रत क्यों पलने लगी है दिलों में,
क्या प्रेम का पाठ पढ़ाने वाला कोई नहीं है?
कोई था समय ऐसा भी,
जब सभी मिल जुलकर साथ रहते थे
खुशी हो या गम,
हर पहलू के भागीदार सभी...