...

21 views

कैसे
ऐसे बिखरे साहस मेरे
हिम्मत ना हुई समेटने की
कैसे रोकते वो जल धारा
जिसने कभी जरूरत ना थी संभालने की,
अपनों से बिछड़ने की पीड़ा
आज पहचान गई
एक मित्र के एहसास की मौत
मुझे जैसे सागर में डूबा गई,
कैसे संभाल ले ये दर्द
कि जिसमें मेरी शांति समा गई
आज तो मेरी अश्रु भी
मुझे बगावत सिखा गई।
© Annu Rani💦