...

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मिट्टी से पत्थर तक का सफर"✍️
अभिमान की आग में जलते हुए,
इंसान एक दिन समझ जाता है,
उसकी भावनाएं, उसकी अनुभूतियाँ,
उसके लिए कोई मूल्य नहीं रखती हैं।

धीरे-धीरे वह अपने आप को समेट लेता है,
और फिर एक दिन अभिमान करना भी छोड़ देता है।
वह अपने नरम मन को एक...