...

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मुझे याद किया करो इतिफाक से।
मेरी गली से जब गुजरो,
मुस्कानों की बारिश किया करो।
याद रहे मुझे भी, तुम दूर हो इसलिए,
थोड़ा शर्मा के पलके झुका के, मीठी- मीठी बातें किया करो।



बहुत दिन हुए मिल नहीं पाए।
सपनों के पतंग और याद की डोर बांध उड़ाए।
भीग गई आंखे तन्हा रहकर, तुम्हारे बिना।
पल- पल समय काट रहे हैं, अब...