...

10 views

society's cruel face ⚠
ये तुमने भी देखा है
ये हमने भी देखा है
माँ का दिल सबने
हर बार टूटते देखा है

कभी अखबारों के पन्नों में
तो कभी news channel की खबरों में
सरे आम मिलते उस भीड़ के भाषण में
तो कभी किसी मुरझाए चेहरे में
वो खौफ वो डर
हम सबने देखा है

देखा है हमने उस माँ को कोसते
कभी खुद को कुछ सुनाते
तो कभी बच्ची को ड़ांटते

कोसती है वो उसे जन्म देने पर
उसकी किलकारी उसकी हंसी को
दिल में दबा लेने पर

हमने वो भी देखा है
जो इन्साफ समाज ने किया
चार तालों में कैद एक माँ ने
अपनी बच्ची को किया
किसी ने मूह फेर लिया
तो किसी ने ताना है दिया

वो बिचारी खुद को कोसती रही
अंदर ही अंदर दम घोटती रही
"चुप रहना किसी से कुछ मत कहना"
आवाज़ें उनकी कानों में गूंजती रही

सोचती थी वो गलती उसकी क्या रही
सबने सज़ा उसे क्यूँ दी
वो तो देवी कहकर पूजी जाती रही अब तक
फिर अचानक से उसकी
ये क्या दशा हुई

सौ मुह खुले समाज के
ताले तो उसपर थे चढे
सबने कोसा उसकी माँ को
और वो
सब कुछ चुप चाप सहती रही

और कितनी हिम्मत बची होगी उसमें
आखिर इस सबसे वो हार ही गई
बांधी अपनी चुन्नी पंखे से उसने
और समाज को छोड़ चली गई

कुछ ऐसे मिला था इन्साफ उसे
समाज की उन बातों से
हिम्मत तो टूटी ही उसकी
लगे हाथ जान भी चली ही गई।।
© unnati