रूठे रूठे से मयखाने...
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
__
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे,
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं।
तेरी यादों के साये में बसी है हर गली,
जिनमें तेरे बिना फ़ैले हुए से वीराने हैं...
तेरे बिना हर जाम में बेताबी है,
तेरे इश्क में बनकर घूम रहे दीवाने हैं।
ग़म की बातें सब बिसर गई हैं ,
तेरी नज़दीकियों में, बस खुशियों के फसाने हैं।
बागों में भी अब रंग नहीं, बहार नहीं,
हर एक फूल भी मुझसे कहता है, "लगते आप बेगाने हैं ?"
तेरी यादों की खुशबू से महका है ये जहां,
ख्वाबों में भी तेरा ही नशा, हर जज़्बात में बहाने हैं l
तू जो छू ले, हर ग़म की परछाई मिट जाए,
तेरे दीदार से ही ख्वाबों में ख्वाब सजाने हैं।
Written By,
Ivan Edwin
Pen Name : Maximus
© All Rights Reserved
#Shayari #shayri #shayar #poem #poetrycommunity #poetrylovers #poetsofinstagram
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
__
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे,
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं।
तेरी यादों के साये में बसी है हर गली,
जिनमें तेरे बिना फ़ैले हुए से वीराने हैं...
तेरे बिना हर जाम में बेताबी है,
तेरे इश्क में बनकर घूम रहे दीवाने हैं।
ग़म की बातें सब बिसर गई हैं ,
तेरी नज़दीकियों में, बस खुशियों के फसाने हैं।
बागों में भी अब रंग नहीं, बहार नहीं,
हर एक फूल भी मुझसे कहता है, "लगते आप बेगाने हैं ?"
तेरी यादों की खुशबू से महका है ये जहां,
ख्वाबों में भी तेरा ही नशा, हर जज़्बात में बहाने हैं l
तू जो छू ले, हर ग़म की परछाई मिट जाए,
तेरे दीदार से ही ख्वाबों में ख्वाब सजाने हैं।
Written By,
Ivan Edwin
Pen Name : Maximus
© All Rights Reserved
#Shayari #shayri #shayar #poem #poetrycommunity #poetrylovers #poetsofinstagram