हम कुच ना केह सके उनको...!
हमने जीसे चाहा वो चाहे किसी और को...,
इतने करीब रेहके भी हम कुच ना केह सके उनको...,
हर शाम गुजारी उनके आंगन में...,
बाते कई हुई आमने सामने...,
इतने करीब रेहके भी हम कुच ना केह सके...
इतने करीब रेहके भी हम कुच ना केह सके उनको...,
हर शाम गुजारी उनके आंगन में...,
बाते कई हुई आमने सामने...,
इतने करीब रेहके भी हम कुच ना केह सके...