...

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रंगभूमी (तृतीय पर्व)
देख युवा के कवच कुंडल,
प्रफुल्लित हुई पृथा ।
माता पुत्र के मिलन की
ये है अलग व्यथा ।

कल जिसे त्यागा था
वो आज मिलने आया था।
पर याद कर कल, उठा दिल में शुल
याद आया उसे एक बालक ,
जिसे अश्वा में बहा, छुपाई थी कौमार्य...