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(◕ᴗ◕✿)चल (・∀・) जिंदगी(◕ᴗ◕✿)
चल ए जिंदगी ,कुछ कमाने निकलते हैं...
कुछ पाके,चल कुछ गंवाने निकलते हैं..
चल ए जिंदगी,कुछ कमाने निकलते हैं...
जब गाते गाते थक जाए सब,
अपने अपने तराने
गीतों का ना कोई सूर मिले,
ना ही मिले कोई अफसाने
उस वक्त चल कुछ हम,
गुनगुनाने निकलते हैं ...
चल ए जिंदगी,कुछ कमाने निकलते हैं ...
भटके हुए हैं सब रास्ते,
मंजिल है खोई हुई
टूटे लगे हैं हर ख्वाहिशें,
है आंखें रोई हुई
रोती हुई आंखों से,
चल मुस्कुराने निकलते हैं..
चल ए जिंदगी, कुछ कमाने निकलते हैं...
फूलों की है ये घनी वादियां,
कांटे हैं पैरों तले
हवा के हर झोंके के संग,
पत्ते भी उड़ते चले
नाजुक से कदमों को हम,
चल कुछ दुखाने निकलते हैं...
चल ए जिंदगी,कुछ कमाने निकलते हैं...
चिड़ियों सी है उम्र भी,
नीड़ भी टूटी हुई
बरसी हुई है कुछ बूंद भी,
धूप भी जम के हुई
जाड़े में ठिठुरें हुए..
नीड़ो को बनाने निकलते हैं..
चल ए जिंदगी,कुछ कमाने निकलते हैं...
कुछ पाके, चल कुछ गंवाने निकलते हैं...
चल ए जिंदगी,कुछ कमाने निकलते हैं...
#alfaazdilke
© ~Pandey Akanksha~
कुछ पाके,चल कुछ गंवाने निकलते हैं..
चल ए जिंदगी,कुछ कमाने निकलते हैं...
जब गाते गाते थक जाए सब,
अपने अपने तराने
गीतों का ना कोई सूर मिले,
ना ही मिले कोई अफसाने
उस वक्त चल कुछ हम,
गुनगुनाने निकलते हैं ...
चल ए जिंदगी,कुछ कमाने निकलते हैं ...
भटके हुए हैं सब रास्ते,
मंजिल है खोई हुई
टूटे लगे हैं हर ख्वाहिशें,
है आंखें रोई हुई
रोती हुई आंखों से,
चल मुस्कुराने निकलते हैं..
चल ए जिंदगी, कुछ कमाने निकलते हैं...
फूलों की है ये घनी वादियां,
कांटे हैं पैरों तले
हवा के हर झोंके के संग,
पत्ते भी उड़ते चले
नाजुक से कदमों को हम,
चल कुछ दुखाने निकलते हैं...
चल ए जिंदगी,कुछ कमाने निकलते हैं...
चिड़ियों सी है उम्र भी,
नीड़ भी टूटी हुई
बरसी हुई है कुछ बूंद भी,
धूप भी जम के हुई
जाड़े में ठिठुरें हुए..
नीड़ो को बनाने निकलते हैं..
चल ए जिंदगी,कुछ कमाने निकलते हैं...
कुछ पाके, चल कुछ गंवाने निकलते हैं...
चल ए जिंदगी,कुछ कमाने निकलते हैं...
#alfaazdilke
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