bachpan
कुछ खामोशियों में रह गई
कितनी बातें
कुछ रातों में भी रह गई
कितनी फ़रियादें
उन बातों में उन फ़रियादो में
गूम हो गई कितनी यादें
बचपन को भी मुड़ कर देखा
उस बचपन में ही रह गई
सारी खुशियां और दिल की बातें
संध्या.....
© All Rights Reserved
कितनी बातें
कुछ रातों में भी रह गई
कितनी फ़रियादें
उन बातों में उन फ़रियादो में
गूम हो गई कितनी यादें
बचपन को भी मुड़ कर देखा
उस बचपन में ही रह गई
सारी खुशियां और दिल की बातें
संध्या.....
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