कुछ कम कुछ ज्यादा
जो मिला नहीं,
उसके बारे में सोचना व्यर्थ था
सब कहते है, लेकिन तन्हा याद आए
तो फिर क्या कम था क्या ज्यादा
पर कुछ था
जो इतना कम मिला जीवन में
कि जब भी मिला
लगा कि कम मिला
जो कम...
उसके बारे में सोचना व्यर्थ था
सब कहते है, लेकिन तन्हा याद आए
तो फिर क्या कम था क्या ज्यादा
पर कुछ था
जो इतना कम मिला जीवन में
कि जब भी मिला
लगा कि कम मिला
जो कम...