यह लकीरें...
इन हाथों की लकीरों को मिटा दूंँगा
जो चाहता हूँ उसे हासिल कर के रहूँगा,
अपने हर सपने को खोया हैं,
पर अब ऐसा नहीं होने देंगे,
जानें नहीं देंगे कोई मौका
हर मौका खुद से बनाएंगे,
कहते...
जो चाहता हूँ उसे हासिल कर के रहूँगा,
अपने हर सपने को खोया हैं,
पर अब ऐसा नहीं होने देंगे,
जानें नहीं देंगे कोई मौका
हर मौका खुद से बनाएंगे,
कहते...