...

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जज़्बात .........✍️
कभी चाहा नही मैंने हर किसी से दर्द बाँटना
हक़दार एक सिर्फ़ एक चाहती थी

मै उस आकाश की नीली बुलंद लहरों बीच
अपने आशियाँ का एक हक चाहती थी

" ये सच है कि .....
यूं तो उम्र भर नही की उम्मीद किसी से मैंने
" मगर " एक शक्स से मैं बहुत उम्मीद चाहती थी

" अफसोस "
यक़ीन ना था मुझको वख्त दग़ा देगा
जिस शक्स से मैं इतनी उम्मीद चाहती थी

Sonia Thakur ✍️
sona - ( बदजुबान कातिब )