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ऐसा क्यों होता है
#shadow #shadowpoem
ऐसा क्यों होता है ..........................
जब किसी को दिल और जान से चाहते हुई भी
उसे खोना पड़ता है
ऐसा क्यों होता है ........................
जब हर किसी को खुश रखने वाले को
खुद अकेले में रोना पड़ता है
ऐसा क्यों होता है .......................
जब हर किसी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले को
खुद अपने समय में अकेला चलना पड़ता है
ऐसा क्यों होता है .............................
जो सबको सहारा देता है उनकी जरूरतों में
उसे कभी किसी का सहारा नही मिलता खुद की जरूरत में
आखिर ऐसा क्यों होता है .......................
जो सब का अपना बनता है, जो सब को अपना मानता है
उसे कोई अपना नही मानता
आखिर ऐसा क्यों होता है .......................
की चाहे भरे हो लाख दर्द दिल में
उनको अपना दर्द छुपा के मुंह पर मुस्कान रहनी पड़ती है
आखिर ऐसा क्यों होता है .........................
© shadow
ऐसा क्यों होता है ..........................
जब किसी को दिल और जान से चाहते हुई भी
उसे खोना पड़ता है
ऐसा क्यों होता है ........................
जब हर किसी को खुश रखने वाले को
खुद अकेले में रोना पड़ता है
ऐसा क्यों होता है .......................
जब हर किसी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले को
खुद अपने समय में अकेला चलना पड़ता है
ऐसा क्यों होता है .............................
जो सबको सहारा देता है उनकी जरूरतों में
उसे कभी किसी का सहारा नही मिलता खुद की जरूरत में
आखिर ऐसा क्यों होता है .......................
जो सब का अपना बनता है, जो सब को अपना मानता है
उसे कोई अपना नही मानता
आखिर ऐसा क्यों होता है .......................
की चाहे भरे हो लाख दर्द दिल में
उनको अपना दर्द छुपा के मुंह पर मुस्कान रहनी पड़ती है
आखिर ऐसा क्यों होता है .........................
© shadow
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