कोई खंजर
कोई ख़ंजर मेरे सीने में उतर क्यों नहीं गया,
मैं उससे जुड़ा नहीं तो बिखर क्यों नहीं गया।
इसी बहाने कुछ दिन और भी जी लेता मैं,
वो आया तो मेरे पास ठहर क्यों नहीं गया।
उसके...
मैं उससे जुड़ा नहीं तो बिखर क्यों नहीं गया।
इसी बहाने कुछ दिन और भी जी लेता मैं,
वो आया तो मेरे पास ठहर क्यों नहीं गया।
उसके...