तुम्हारा मेरा रिश्ता....!
तुम्हारा मेरा रिश्ता मुझे कभी
फूल और ख़ुशबू की तरहा लगता है।
जिस तरह ख़ुशबू फूल में रहती है, मगर दिखाई नही देती सिर्फ महसूस की जाती है।
इसी तरह तुम मेरे साथ हमेशा हो दिखाई नहीं देते सिर्फ महसूस होते हो।
तुम्हारा मेरा रिश्ता मुझे कभी
नदी के दो किनारों की तरह लगता है।
जिस तरह दोनो साथ चलते है फिर भी मिल नहीं पाते।
इसी तरह हम दोनो भी साथ रहकर भी मिल...
फूल और ख़ुशबू की तरहा लगता है।
जिस तरह ख़ुशबू फूल में रहती है, मगर दिखाई नही देती सिर्फ महसूस की जाती है।
इसी तरह तुम मेरे साथ हमेशा हो दिखाई नहीं देते सिर्फ महसूस होते हो।
तुम्हारा मेरा रिश्ता मुझे कभी
नदी के दो किनारों की तरह लगता है।
जिस तरह दोनो साथ चलते है फिर भी मिल नहीं पाते।
इसी तरह हम दोनो भी साथ रहकर भी मिल...