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मैं कौन हूँ?

मैं कौन हूँ ?

ज़िन्दगी की राहों में,
खोया हुआ एक राही हूँ
सपनों के आशियाने में,
ख्वाबों की स्याही हूँ

फ़िजा में बहती हुई,
मदमस्त पुरवाई हूँ
अपनों के साथ रहने वाली,
उनकी मैं परछाई हूँ

चाँद की चांदनी,
सूर्य की भीषण आग हूँ
सबके जीवन को रंगों से भरता,
मैं वो इक फाग हूँ

सोच-विचार की गहराई में,
मैं चिंतन की नदी हूँ
प्रेम और स्नेह की राहों में,
बीतती एक सदी हूँ

आँखों का आँसू,
चेहरे की मुस्कान हूँ
दिल से निकली दुआ
इंसान का ईमान हूँ

माँ की ममता के आँचल में,
प्यार और आदर का पात्र हूँ
भावनाओं के समन्दर में,
जज़्बात मात्र हूँ

समय के संग बदलता हुआ,
मैं एक राज़ हूँ
हर हाल में मुस्कुराता हुआ,
एक खास अंदाज़ हूँ

सच्चाई की खोज में जो रहता,
एक जिज्ञासु यात्री हूँ
अपनी इंद्रियों को वश में करता,
अपने जीवन का सारथी हूँ

मैं कौन हूँ?
मैं एक में,
अनेक रूप रखता हूँ
हर पल मैं खुद में,
कुछ नया ढूँढता रहता हूँ

© Poonam Suyal