हर दर्द आँसू बनकर क्यों निकलता है?
जब दिल टूटे तो आँखें रोती हैं,
जब चोट लगे हो आँखें रोती हैं,
आखिर क्या कूसूर है आँखों का,
जो हर गम की सजा आँखें ढोती हैं,
इंसान दिल में बड़े से बड़ा गम छुपा ले,
मगर आँख सब बता देती हैं,
आँखें हर वक्त दूसरे को देखती हैं,
पर पोल अपनी खोल देती हैं,
आँखें शरीर का दर्पण होती हैं,
क्योंकि इसमें वो दिख जाता है,
जो अकसर चेहरा छुपा लेता,
आँखें न होती तो शायद गम घाव बन जाता ,
जबकि आँखें गम को आँसू बना देती हैं।
# motivational @ SunainaYadav
जब चोट लगे हो आँखें रोती हैं,
आखिर क्या कूसूर है आँखों का,
जो हर गम की सजा आँखें ढोती हैं,
इंसान दिल में बड़े से बड़ा गम छुपा ले,
मगर आँख सब बता देती हैं,
आँखें हर वक्त दूसरे को देखती हैं,
पर पोल अपनी खोल देती हैं,
आँखें शरीर का दर्पण होती हैं,
क्योंकि इसमें वो दिख जाता है,
जो अकसर चेहरा छुपा लेता,
आँखें न होती तो शायद गम घाव बन जाता ,
जबकि आँखें गम को आँसू बना देती हैं।
# motivational @ SunainaYadav